Tuesday, November 12, 2024
HomeHindiपंडित पुरुषोत्तम तिवारी श्रद्धा, राजनीति और नेतृत्व की यात्रा

पंडित पुरुषोत्तम तिवारी श्रद्धा, राजनीति और नेतृत्व की यात्रा

जहाँ चाह वहाँ राह, ये पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं पंडित पुरुषोत्तम तिवारी जी पर। जी हां “पंडित पुरुषोत्तम तिवारी” ये वही शख्सियत हैं जिन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना के साथ भारत की राजनीति में कदम रख दिया है। वैसे तिवारी जी के राजनीतिक सफर की बात की जाये तो इसकी शुरुआत उन्होंने इमरजेंसी के बाद सभी विपक्षी दलों को मिला कर बनाये गए ‘जनता पार्टी ‘चुनाव चिन्ह ‘हलधर’ से जबलपुर पश्चिम विधानसभा के निर्वाचित अध्यक्ष के रूप में की। इन्हें बीजेपी के साथ जबलपुर युवा मोर्चा के महामंत्री के रूप में भी कार्य करने का मौका मिला।

पंडित पुरुषोत्तम तिवारी राजनीति के साथ साथ पत्रकारिता में भी काफी रुचि रखते हैं यही वजह है कि उन्होंने झलक पत्रिका के साथ साथ सहकारी समिति की एक पत्रिका सहित कई अन्य पत्र,पत्रिकाओं का सम्पादन कार्य भी किया। सर्व ब्राह्मण महासभा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रहते हुए तिवारी जी ने ब्राह्मणों के कुलगौरव भगवान परशुराम जी की जबलपुर में शोभायात्रा की शुरुआत की। इससे पहले भगवान परशुराम की ऐसी कोई शोभायात्रा देश मे कहीं नहीं निकाली जाती थी। आज भगवान परशुराम की शोभायात्रा पूरे भारत वर्ष में निकाली जाती है। तो यहाँ यह कहना बिल्कुल भी अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भगवान परशुराम की शोभायात्रा की शुरुआत का श्रेय पंडित पुरूषोत्तम तिवारी जी को ही जाता है।

पुरुषोत्तम तिवारी का जन्म 29 जुलाई 1958 को जबलपुर में हुआ। अपनी स्नातक की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद वर्ष 1980 में नगर निगम जबलपुर में तिवारी जी ने सर्विस ज्वाइन की। नगर निगम में सर्विस के कारण राजनीतिक सक्रियता कम हो गयी, लेकिन यह तो सर्वविदित है कि राजनीति की प्रथम पाठशाला ही नगर निगम है, तो फिर क्या था तिवारी जी को भी राजनीति की बारीकियां सीखने का मौका मिल गया। नगर निगम में 40 वर्ष की सेवा उपरांत वर्ष 2020 में पंडित पुरुषोत्तम तिवारी जी सेवा निवृत्त हो गए। रिटायर होने के बाद एक बार फिर से तिवारी जी के अंदर की राजनीतिक रूचि सक्रिय होने को आतुर हो उठी।

रिटायरमेंट के बाद सर्वप्रथम तिवारी जी ने CIN न्यूज़ नेटवर्क के नाम से अपना एक यु ट्यूब न्यूज चैनल बनाया, जिसके वर्तमान में डेढ़ लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। अब उन्हें राजनीति में भी कुछ करना था,तो उम्र के इस पड़ाव पर किसी राजनीतिक दल में शामिल होकर पुराने और बड़े नेताओं के आगे पीछे घूमना, स्वतंत्र प्रवृत्ति वाले तिवारी जी को रास न आया। वैसे भी तिवारी जी का मानना है कि आज कल राजनीतिक दलों में नए लोगों का अपनी जगह बना पाना तो बिल्कुल असंभव सा है तो बस यहीं से शुरुआत होती हैं एक नए राजनीतिक दल के गठन की। छोटे से छोटे व्यक्ति को राजनीति में मौका मिले इसी उद्देश्य के साथ पंडित पुरुषोत्तम तिवारी जी ने इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी की स्थापना 4 सितंबर 2022 को की।

धार्मिक अनुष्ठानों में रुचि के चलते तिवारी जी ने वर्ष 2023 में पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर) शिव महापुराण कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनाई। बड़े स्तर पर इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार किया गया, लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं मिली। कार्यक्रम आयोजन को अनुमति न मिलने को तिवारी जी ने राजनीति से प्रेरित बताया। किसी भी अच्छे काम की शुरुआत में बाधाएं तो आती ही हैं, ये मानकर तिवारी जी आगे बढ़े और दोगुने उत्साह के साथ अपने राजनीतिक दल के प्रचार प्रसार में लग गए। अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम तिवारी जी के मार्गदर्शन में पार्टी ने अपना पहला चुनाव मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 लड़ा। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में तैयारियों में जुट गई है।

RELATED ARTICLES

Most Popular